अर्थ : वह काम जो किसी को धोखे में डाल कर कोई स्वार्थ साधने के लिए किया जाए।
उदाहरण :
उसने छल से पूरी जायदाद अपने नाम करा ली।
वह अपने छल में कामयाब नहीं हुआ।
पर्यायवाची : अनभोरी, अनुपधा, अभिसंधान, अभिसन्धान, उपधा, कपट, काट, कारस्तानी, कारिस्तानी, कुमैड़, कूटता, कैतव, चार सौ बीसी, चालबाज़ी, चालबाजी, चालाकी, छल, छल-कपट, छल-छंद, छलावा, जालसाजी, जोग, झपकी, झाँई, झाँई-झप्पा, ठगी, दुराव, धंधला, धूर्तता, धोखा, धोखाधड़ी, धोखेबाज़ी, धोखेबाजी, पटेबाज़ी, पटेबाजी, परपंच, प्रतारणा, प्रपंच, प्रपञ्च, फरेब, फर्जीवाड़ा, फेर-फार, फेर-बदल, फेरफार, फ्राड, फ्रॉड, बकमौन, बकमौनता, मक्कारी, माल, योग, वंचकता, वंचना, व्याज, शठता
अर्थ : वह आचरण, काम आदि जिसमें ऊपरी बनावट का भाव रहता है।
उदाहरण :
संत कबीर ने पाखंड पर तीखा व्यंग किया है।
पर्यायवाची : अटब्बर, अड़ाड़ा, आडंबर, आडम्बर, चमक दमक, चमक-दमक, टीम-टाम, टीमटाम, ठाट, ठाटबाट, ढकोसला, ढचर, ढोंग, तड़क भड़क, तड़क-भड़क, तमेला झमेला, तमेला-झमेला, ताम झाम, ताम-झाम, तामझाम, दिखावटीपन, दिखावा, परपंच, पाखंड, पाखण्ड, पाषंड, पाषण्ड, प्रपंच, प्रपञ्च, बनावट, बाँकपन, बांकपन, लिफ़ाफ़ा, लिफाफा
अर्थ : कोई ऐसा कार्य या बात जो वास्तविक या सत्य न रहने पर भी सत्य और ठीक जान पड़े।
उदाहरण :
हम सांसारिक माया में फँसे हुए हैं।
माया दीपक नर पतंग भ्रमि-भ्रमि इवैं पड़ंत, कहें कबीर गुरु ग्यान ते एक आध उबरंत।
पर्यायवाची : अनीश, अविद्या, इंद्र-जाल, इंद्रजाल, इन्द्र-जाल, इन्द्रजाल, परपंच, प्रपंच, प्रपञ्च, भव-विलास, माया