बढ़ई के बरमें के समान अरणि के वृक्ष का बना हुआ आग उत्पन्न करने वाला एक काठ का यंत्र।
अरणि को कुशा पर रखकर वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ घुमाते हैं तब छेद के नीचे वाली कुशा जल उठती है और यह आग प्रायः यज्ञ में काम में लाई जाती है। अरणि, अरणी, विक्रांता, विक्रान्ता