अर्थ : शरीर में स्थित पंचवायु में से एक जिसे सर्वशरीर व्यापी बताया गया है।
उदाहरण :
व्यान वायु द्वारा मुख्य रूप से शरीर में रस के संवहन का कार्य किया जाता है तथा यह स्वेद और रुधिर का स्राव भी करता है।
पर्यायवाची : व्यान, व्यान वायु