अर्थ : देवताओं या दिव्य पुरुषों आदि के मुख के चारों ओर का वह प्रभापूर्ण मंडल जो चित्रों या मूर्तियों में दिखलाया जाता है।
उदाहरण :
साधारण मनुष्यों के प्रभामंडल की दीप्ति क्षीण होने के कारण दिखाई नहीं पड़ती है।
पर्यायवाची : आभामंडल