अर्थ : पीसे हुए को फिर से पीसने की क्रिया।
उदाहरण :
शीला मसाले का पिष्ट-पेषण कर रही है।
अर्थ : ठीक तरह से किए हुए कार्य को फिर उसी तरह दुबारा करने के लिए व्यर्थ परिश्रम करने की क्रिया।
उदाहरण :
कभी-कभी समाचार चैनलवाले कुछ समाचारों का पिष्ट-पेषण करके उसे उबाऊ बना देते हैं।