अर्थ : व्याप्ति का अभाव या व्याप्त न होने की अवस्था या भाव।
उदाहरण :
जल की अव्याप्ति कष्टप्रद है।
अर्थ : साहित्य और तर्क शास्त्र में, कथन, व्याख्या आदि का ऐसा रूप या स्थिति जिसमें कहीं हुई बात, बतलाया हुआ लक्षण या दिया हुआ विवरण सारे अभिप्रेत तत्त्व या लक्ष्य पर पूरी तरह से या सब जगह समान रूप से न घटे।
उदाहरण :
अव्याप्ति को दोष माना गया है।