ଅର୍ଥ : एक प्रकार के बड़े घोंघे का कोष जो बहुत पवित्र माना जाता है और देवताओं के आगे या धार्मिक अनुष्ठानों आदि में बजाया जाता है।
ଉଦାହରଣ :
पंडितजी सत्यनारायण कथा के दौरान शंख बजा रहे थे।
ସମକକ୍ଷ : अंबुज, अंभोज, अब्ज, अब्धिज, अम्बुज, अम्भोज, अर्णभव, कंबु, कंबुक, कम्बु, कम्बुक, चंद्रबंधु, चन्द्रबन्धु, दैवारिप, बहुनाद, शंख, शंबुक, शंबूक, शङ्ख, शम्बुक, शम्बूक, संबुक, सिंधुज, सिंधुपुष्प, सिन्धुज, सिन्धुपुष्प, सूचिकामुख
ଅନ୍ୟ ଭାଷାରେ ଅନୁବାଦ :
ಒಂದು ಪ್ರಕಾರದ ದೊಡ್ಡದಾದ ಬಸವನಹುಳುವಿನ ಕೋಶ ಅದನ್ನು ತುಂಬಾ ಪವಿತ್ರ ಎಂದು ನಂಬಲಾಗುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ದೇವರುಗಳ ಮುಂದೆ ಅಥವಾ ಧಾರ್ಮಿಕವಾದ ಅನುಷ್ಠಾನಗಳಲ್ಲಿ ಊದಲಾಗುತ್ತದೆ
ಪಂಡಿತರು ಸತ್ಯನಾರಾಯಣ ಕಥೆಯನ್ನು ಓದಿದ ನಂತರ ಶಂಖವನ್ನು ಊದಿದರು.ଖୁବ ପବିତ୍ର ବିଚାର କରାଯାଉଥିବା ଏବଂ ଧାର୍ମିକ କାର୍ଯ୍ୟ ବା ଦେବତାମାନଙ୍କ ଆଗରେ ବଜାଯାଉଥିବା ଏକପ୍ରକାର ବଡ଼ ଗେଣ୍ଡାର ଅସ୍ଥି
ପଣ୍ଡିତ ସତ୍ୟନାରାୟଣ କଥା ଚାଲିଥିଲାବେଳେ ଶଙ୍ଖ ବଜାଉଥିଲେसमुद्रातील एका प्राण्याचे कवच, याचा उपयोग पूजेत किंवा युद्धात वाजविण्याकरता होतो.
युद्ध सुरू होण्याची खूण म्हणून भीष्माने शंख फुंकला.