ଅର୍ଥ : वह लेख जिसमें पद्य के नियमानुसार मात्रा और वर्ण की संख्या तथा स्थान आदि का कोई नियम न हो।
ଉଦାହରଣ :
साहित्य में गद्य और पद्य दोनों का ही अध्ययन आवश्यक है।
ଅନ୍ୟ ଭାଷାରେ ଅନୁବାଦ :
ପଦ୍ୟରେ ଥିବାଭଳି ମାତ୍ରା ଓ ବର୍ଣ୍ଣର ସଂଖ୍ୟା ତଥା ସ୍ଥାନ ସଂପର୍କରେ ନିୟମ ନଥିବା ଲେଖା
ସାହିତ୍ୟରେ ଗଦ୍ୟ ଓ ପଦ୍ୟ ଉଭୟର ଅଧ୍ୟୟନ ଆବଶ୍ୟକमात्रा, गण इत्यादींचे नियम न पाळता केलेले वाक्यांच्या स्वरुपातील लेखन.
पद्य लिहिण्याइतकेच गद्य लिहिणेही कठीण असते.Ordinary writing as distinguished from verse.
proseসেই লেখা যাতে পদ্যের ন্যায় নিয়মিত মাত্রা এবং বর্ণ বা সংখ্যা তথা স্থান ইত্যাদির কোনো নিয়ম নেই
সাহিত্যে গদ্য বা পদ্য দুটিই পড়া আবশ্যকപദ്യത്തിന്റെ നിയമാനുസ്രിതമായ മാത്രയും സംഖ്യയും സ്ഥാനത്തിനും പ്രത്യേകിച്ചു നിയമമൊന്നും ഇല്ലാത്ത അവസ്ഥ.
സാഹിത്യത്തില് ഗദ്യവും പദ്യവും