ଅର୍ଥ : जैन मतानुसार उतार का समय जिसमें रूपादि का क्रमशः ह्रास होता है।
ଉଦାହରଣ :
जैन मतानुसार अवसर्पिणी में मनुष्य के पास आत्मशुद्धि के लिए समय नहीं होता है।
ସମକକ୍ଷ : अवरोह, विरोह, विवर्त्त
ଅନ୍ୟ ଭାଷାରେ ଅନୁବାଦ :
জৈন মতানুসারে অবতরণের সময় যখন রূপাদি ক্রমশ হ্রাস হয়
"জৈন মতানুসারে অবসর্পিনীতে মানুষের কাছে আত্মশুদ্ধির জন্য সময় থাকে না"