ଅର୍ଥ : जिसके मन में छल-कपट न हो और जो एकदम सीधा-सादा हो।
ଉଦାହରଣ :
आजकल सीधे लोगों को बुद्धू समझा जाता है।
ସମକକ୍ଷ : अकुटिल, अबोध, अरबीला, अवक्र, असयाना, उड़नफाखता, उड़नफाख्ता, निःकपट, निर्व्याज, निश्छल, निष्कपट, प्रांजल, भोला भाला, भोला-भाला, भोलाभाला, मुग्धमति, रास्तबाज, रास्तबाज़, सरल, साफ, साफ़, सीधा, सीधा सादा, सीधा-सादा, हसील
ଅନ୍ୟ ଭାଷାରେ ଅନୁବାଦ :
ಯಾರ ಮನಸ್ಸಿನಲ್ಲಿ ಮೋಸ-ಕಪಟ ಇಲ್ಲವೋ ಮತ್ತು ಯಾರು ಒಳ್ಳೆಯ ವ್ಯಕ್ತಿಗಳೋ
ಇತ್ತೀಚಿನ ದಿನದಲ್ಲಿ ಸರಳ ವ್ಯಕ್ತಿಯನ್ನು ಯಾರು ಮೆಚ್ಚುವುದಿಲ್ಲ.വളരെ നിഷ്കളങ്കമായ.
ഇന്നത്തെ കാലത്തു് സരളമായ ആളുകളേ എല്ലാവരും ബുദ്ധു എന്നു വിളിക്കും.ଅର୍ଥ : एक सृष्टिनाशक हिन्दू देवता।
ଉଦାହରଣ :
शंकर की पूजा लिंग के रूप में प्रचलित है।
ସମକକ୍ଷ : अंड, अंधकारि, अंबरीष, अक्षतवीर्य, अक्षमाली, अघोरनाथ, अण्ड, अनंगरि, अनंगारि, अनर्थनाशी, अन्नपति, अपराधभंजन, अबलाबल, अब्जवाहन, अमृतवपु, अमोघदंड, अमोघदण्ड, अम्बरीष, अयोनि, अयोनिज, अरिंदम, अर्घेश्वर, अस्थिमाली, अहिमाली, आशुतोष, इंदुशेखर, इन्दुशेखर, उग्रधन्वा, उमाकांत, उमाकान्त, उमेश, कपालपाणि, कपाली, कामारि, कालेश, काशीनाथ, कील, कुंड, कुण्ड, कैलाश नाथ, कैलाशनाथ, गंगाधर, गिरिनाथ, गिरीश, गौरीश, चंद्रशेखर, चन्द्रशेखर, जगद्योनि, जटाधारी, जटामाली, तारकेश्वर, त्रिनेत्र, त्रिपुरांतक, त्रिपुरारि, त्रिपुरारी, त्र्यंबक, त्र्यक्ष, त्र्यम्बक, दुष्काल, देवाधिदेव, देवेश्वर, धूम्र, नंदिकेश्वर, नदीधर, नन्दिकेश्वर, नपराजित, नागी, नाभ, नीलग्रीव, पंचमुख, पंचानन, पञ्चमुख, परंजय, पश, पशुपति, पादभुज, पार्श्ववक्त्र, पिनाकपाणि, पिनाकी, पुद्गल, फाल, बीजवाहन, भगाली, भव, भवेश, भालचंद्र, भालचन्द्र, भुवनेश, भूतचारी, भूतनाथ, भूतेश, भोलानाथ, भोलेनाथ, मंगलेश, महाक्रोध, महादेव, महार्णव, महेश, महेश्वर, मृत्युंजय, यमेश्वर, ययातीश्वर, ययी, योगीनाथ, योगीश, राकेश, रुद्र, वरेश्वर, वसुप्रद, विद्वत्, विभु, विरुपाक्ष, विरोचन, विश्वनाथ, वीरेश, वीरेश्वर, वृषभकेतु, वैद्यनाथ, व्योमकेश, शंकर, शंभु, शङ्कर, शम्भु, शशिधर, शशिभूषण, शारंगपाणि, शारंगपानि, शिखंडी, शिखण्डी, शिव, संवत्सर, सतीश, सद्य, सर्पमाली, सर्व, सवर, सुप्रतीक, सुहृद, स्नेहन, हर
ଅନ୍ୟ ଭାଷାରେ ଅନୁବାଦ :
త్రిమూర్తులలో మూడు కన్నులుగలవాడు
శంకరుని పూజ లింగరూపంలో ప్రాచుర్యంలో ఉందిಸೃಷ್ಠಿಯನ್ನು ನಾಶ ಮಾಡುವ ಹಿಂದು ದೇವರು
ಲಿಂಗದ ರೂಪದಲ್ಲಿರು ಶಂಕರನನ್ನೂ ಪೂಜೆ ಮಾಡುವ ಆಚರಣೆ ಇದೆ.സൃഷ്ടി സംഹാരകനായ ഹിന്ദു ദേവന്
ശിവന്റെ പൂജ ലിംഗരൂപത്തിലാണ് പ്രചരിച്ചിരിക്കുന്നത്