अर्थ : मूर्ति आदि के सामने धूप जलाने या धूप दिखाने की क्रिया।
उदाहरण :
मंदिर में पुजारीजी धूपन के समय कुछ मंत्र भी पढ़ रहे थे।
अर्थ : शरीर आदि को धूप आदि के धुएँ से सुगंधित करने की क्रिया।
उदाहरण :
धूपन करने से खुशबू आने लगती है।
पर्यायवाची : धूपवास