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अर्थ : व्याकरण में वाच्य के दो भेदों में से एक जो इस बात का सूचक होता है कि जो कुछ कहा गया है वह कर्म की प्रधानता के विचार से है।
उदाहरण : राम के द्वारा किताब पढ़ी गई - यह कर्मवाच्य का उदाहरण है।
ବ୍ୟାକରଣରେ ବାଚ୍ୟର ଦୁଇଟି ଭେଦରୁ ଗୋଟିଏ ଯାହା ସୂଚିତ କରେ ଯେ ଯାହା କିଛି କୁହାଯାଇଛି ତାହା କର୍ମର ପ୍ରଧାନତାହେତୁ
The voice used to indicate that the grammatical subject of the verb is the recipient (not the source) of the action denoted by the verb.
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