अर्थ : एक बहुमूल्य पीली धातु जिसके गहने आदि बनते हैं।
उदाहरण :
आजकल सोने का भाव आसमान छू रहा है।
चैतन्य महापुरुष के शरीर से स्वर्ण जैसी आभा निकलती थी।
पर्यायवाची : अग्नि, अभ्र, अर्ह, अवष्टंभ, अवष्टम्भ, अश्मकर, अष्टापद, आग्नेय, कंचन, कञ्चन, कनक, कांचन, काञ्चन, गारुड़, गोल्ड, चामीकर, ज़र, तामरस, तार्क्ष्य, त्रिनेत्र, दत्र, पुरुद, भद्र, मनोहर, मरुत्, रंजन, रञ्जन, रसविरोधक, वरवर्ण, वर्णि, वसु, शतकुंभ, शतकुम्भ, शतकौंभ, शतकौंभक, शतकौम्भ, शतकौम्भक, शतखंड, शतखण्ड, शातकुंभ, शातकुम्भ, शातकौंभ, शातकौम्भ, शुक्र, श्रीमत्कुंभ, श्रीमत्कुम्भ, सुवरन, सुवर्ण, सोना, स्वर्ण, हाटक, हेम
अर्थ : एक नदी।
उदाहरण :
तीर्थयात्रा के दौरान हमने कपिला, हिरण्य और सरस्वती के संगम में भी स्नान किया।
पर्यायवाची : हिरण्य नदी
अर्थ : वह शक्ति या तत्व जिसके योग से वस्तुओं आदि का रूप आँख को दिखाई देता है।
उदाहरण :
सूर्य के उगते ही चारों ओर प्रकाश फैल गया।
पर्यायवाची : अँजोर, अँजोरा, अँजोरिया, अंजोर, अंजोरा, अफशा, अफ़शा, आद्योत, आलोक, उँजरिया, उँजाला, उँजियार, उँजियारा, उँजेरा, उँजेला, उजराई, उजलाई, उजारा, उजाला, उजास, उजियार, उजियारा, उजियाला, उजीता, उजेर, उजेरा, उजेला, उजोरा, उज्ज्वलन, उज्वलन, उद्योत, ऊर्मि, जहूर, ज़हूर, ज्योति, दीप्ति, द्युतिमा, नूर, प्रकाश, प्रतिभास, प्रदीप, प्रदीपक, भान, मरीचि, रोशनी, रौशनी, व्युष्टि
प्रकाश का अभाव।
सूर्य डूबते ही चारों ओर अंधकार हो जाता है।अर्थ : शरीर की वह धातु जिससे उसमें बल, तेज और कान्ति आती है और सन्तान उत्पन्न होती है।
उदाहरण :
वह वीर्य संबंधी रोग से पीड़ित है।
पर्यायवाची : इंद्रिय, इन्द्रिय, धातु, धातुप्रधान, धातुराजक, नुत्फा, पुंसत्व, पुंस्त्व, बीज, मज्जारस, रेत, रेतन, रेतस्, रेत्र, वीर्य, वृष्ण्य, शुक्र, शुचीरता, शुचीर्य, शुटीर्य, हीर
अर्थ : एक पौधा जिसके फलों के बीज बहुत विषैले होते हैं।
उदाहरण :
धतूरा भगवान शिव को प्रिय है।
पर्यायवाची : अष्टापद, कंचन, कनक, कितव, चामीकर, तामरस, तीक्ष्णकंटक, तीक्ष्णकण्टक, तूल, धतूरा, धत्तूर, धूर्त, निस्त्रैणपुष्पिक, पुरीमोह, मंदार, मदनक, मन्दार, वृहत्पाटली, शंकरप्रिय, शातकुंभ, शातकुम्भ, शिवप्रिय, शिवशेखर, सुमन, सुवर्ण, स्वर्णफल, हेमतरु