अर्थ : भारत की एक प्रधान नदी जिसको धर्म ग्रन्थों में मोक्षदायिनी कहा गया है।
उदाहरण :
धर्म-ग्रन्थों के अनुसार राजा भगीरथ ने गङ्गा को स्वर्ग से पृथ्वी पर उतारा।
पर्यायवाची : अद्रि-तनया, अद्रि-तनया नदी, अद्रिजा, अद्रिजा नदी, अद्रितनया, अद्रितनया नदी, अध्वगा, अध्वगा नदी, अमरपगा, अमरपगा नदी, उग्रशेखरा, उग्रशेखरा नदी, गंगा, गंगा नदी, गङ्गा, गङ्गा नदी, गांदिनी, गांदिनी नदी, गान्दिनी, गान्दिनी नदी, गायत्री, गायत्री नदी, जाह्नवी, जाह्नवी नदी, त्रिधारा, त्रिधारा नदी, त्रिपथगा, त्रिपथगा नदी, त्रिमार्ग गामिनि, त्रिमार्ग गामिनि नदी, त्रिमार्गगा, त्रिमार्गगा नदी, त्रिमार्गा, त्रिमार्गा नदी, त्रिमार्गी, त्रिमार्गी नदी, देवकुल्या, देवकुल्या नदी, धर्मद्रवी, धर्मद्रवी नदी, धात्री, धात्री नदी, नंदिनी, नंदिनी नदी, नन्दिनी, नन्दिनी नदी, पुरंदरा, पुरंदरा नदी, पुरन्दरा, पुरन्दरा नदी, पुष्यगर्भा, पुष्यगर्भा नदी, भद्रसोमा, भद्रसोमा नदी, भागीरथी, भागीरथी नदी, मंदाकिनी, मंदाकिनी नदी, मधुमती, मधुमती नदी, मन्दाकिनी, मन्दाकिनी नदी, महाभद्रा, महाभद्रा नदी, महाविल, महाविल नदी, मालिनी नदी, वृषारणी, वृषारणी नदी, वृषाश्रिता, वृषाश्रिता नजी, वैष्णवी, वैष्णवी नदी, शुभ्रा, शुभ्रा नदी, सुरधुनी, सुरधुनी नदी, सुरनदी, सुरसरि, सुरसरि नदी, स्वर्णधुनी, स्वर्णधुनी नदी, स्वर्वापी, स्वर्वापी नदी, हैमवती, हैमवती नदी
अर्थ : एक पौराणिक नदी।
उदाहरण :
मालिनी के तट पर ही शकुंतला का जन्म हुआ था।
अर्थ : रुचि देव सावर्णि मनु की माता।
उदाहरण :
मालिनी का वर्णन पुराणों में मिलता है।
अर्थ : एक राक्षसी।
उदाहरण :
मालिनी विभीषण की माता थी।
अर्थ : एक वर्णवृत्त या वर्णिक छन्द जिसके प्रत्येक पद में पंद्रह अक्षर होते हैं जिसमें से पहले छह, दसवाँ और तेरहवाँ अक्षर लघु और शेष गुरु होते हैं।
उदाहरण :
मालिनी के प्रत्येक चरण में न, न, म, य, य गण होते हैं।