अर्थ : पुराणों में वर्णित भगवान विष्णु का वाहन एक पक्षी।
उदाहरण :
गरुड़ भगवान विष्णु के परम भक्त भी हैं।
पर्यायवाची : अमृताहरण, अरुण, अरुणाग्रज, अरुन, गरुड़, गरुण, तार्क्ष, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, नीलच्छद, पतंगेंद्र, पतगेंद्र, पतगेन्द्र, पत्रतिराज, पत्ररथेंद्र, पत्ररथेन्द्र, वज्रजित्, शाल्मली, सर्पारि, हेमांग
अर्थ : सींगरहित एक चौपाया जो गाड़ी खींचने और सवारी के काम में आता है।
उदाहरण :
राणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था।
पर्यायवाची : अमृतसहोदर, अरघ, अर्घ, अर्वण, अलल्लाँ, अलल्लां, अश्व, केशरी, केशी, केसरी, केहरी, घोट, घोटक, घोड़ा, तारखी, तुरंग, तुरंगम, तुरग, परुद्वार, पेलि, पेली, प्रयोग, मराल, माषाश, ययी, ययु, युयु, रैवंता, वातप्रमी, वृषण, वृषल, शालिहोत्र, शिखी, श्रीपुत्र, हय, हयंद, होबार
अर्थ : सरीसृप वर्ग का एक रेंगने वाला पतला और लंबा जीव जिसकी कई जातियाँ पायी जाती हैं।
उदाहरण :
प्रायः आई आई टी बॉम्बे में कई तरह के ज़हरीले साँप रेंगते हुए देखे जा सकते हैं।
पर्यायवाची : अघविष, अनिलाशी, अपत्यशत्रु, अहि, आभोग, आशीविष, उरंग, कर्कटी, कुंडली, कुण्डली, त्सरु, दीर्घपृष्ठ, दीर्घरसन, दृक्कर्ण, द्विरसन, पन्नग, पवनाश, पवनाशन, पवनाशी, पुलिरिक, प्रबलाकी, प्रवलाकी, फणधर, फणिक, फणी, फुनिंग, भुअंग, भुअंगम, भुजंग, मारुताशन, लांगली, लेलिह, लेलिहान, विषदंतक, विषदन्तक, विषधर, विषानन, व्याल, शेव, श्वसनाशन, श्वसनोत्सुक, सर्प, साँप, सारंग
अर्थ : साल नामक पेड़ की जाति का एक पेड़।
उदाहरण :
इस जगह पर तार्क्ष्यप्रसव की अधिकता है।
पर्यायवाची : तार्क्ष्यप्रसव
अर्थ : एक बहुमूल्य पीली धातु जिसके गहने आदि बनते हैं।
उदाहरण :
आजकल सोने का भाव आसमान छू रहा है।
चैतन्य महापुरुष के शरीर से स्वर्ण जैसी आभा निकलती थी।
पर्यायवाची : अग्नि, अभ्र, अर्ह, अवष्टंभ, अवष्टम्भ, अश्मकर, अष्टापद, आग्नेय, कंचन, कञ्चन, कनक, कांचन, काञ्चन, गारुड़, गोल्ड, चामीकर, ज़र, तामरस, त्रिनेत्र, दत्र, पुरुद, भद्र, मनोहर, मरुत्, रंजन, रञ्जन, रसविरोधक, वरवर्ण, वर्णि, वसु, शतकुंभ, शतकुम्भ, शतकौंभ, शतकौंभक, शतकौम्भ, शतकौम्भक, शतखंड, शतखण्ड, शातकुंभ, शातकुम्भ, शातकौंभ, शातकौम्भ, शुक्र, श्रीमत्कुंभ, श्रीमत्कुम्भ, सुवरन, सुवर्ण, सोना, स्वर्ण, हाटक, हिरण्य, हेम