हिलना-डुलना (क्रिया)
अपने स्थान पर कुछ इधर-उधर होना।
इमली (संज्ञा)
एक प्रकार की गूदेदार फली जो खटाई के काम आती है।
सिन्दूर (संज्ञा)
एक प्रकार का लाल रंग या चूर्ण जिसे हिंदू सुहागिनें माँग में भरती हैं।
बनाव-शृंगार (संज्ञा)
स्त्रियों का गहने, कपड़े आदि से अपने आपको सजाने की क्रिया।
जालसाज (संज्ञा)
धोखा देनेवाला व्यक्ति।
मदिरा (संज्ञा)
कुछ विशिष्ट प्रकार के फलों, रसों, अन्नों आदि को सड़ाकर उनका भभके से खींचकर निकाला जाने वाला नशीला रस।
बजाना (संज्ञा)
बाजा बजाने की क्रिया।
पौर्णिमा (संज्ञा)
चान्द्र मास के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि, जिसमें चन्द्रमा अपनी सब कलाओं से युक्त या पूरा दिखाई देता है।
पश्चिम दिशा (संज्ञा)
सूर्य के अस्त होने की दिशा या पूरब के सामने की दिशा।
अंगारक (संज्ञा)
लाल रंग का एक छोटा ग्रह जो दूरी के हिसाब से सूर्य से चौथे स्थान पर है।